दिवाली के अगले दिन, यानी 21 अक्टूबर को दिल्ली में कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) कराने की तैयारी है। हर साल दिवाली के बाद राजधानी की हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो जाता है। पटाखों का धुआँ, पराली जलाने और ठंड की शुरुआत के कारण वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ जाती है। इस बार दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए एक अनोखा और तकनीकी कदम उठाया है — कृत्रिम बारिश का प्रयोग।
इस पहल के तहत बादलों में विशेष रासायनिक तत्वों का छिड़काव किया जाएगा ताकि बारिश उत्पन्न हो सके और हवा में मौजूद धूल व प्रदूषक कण नीचे गिर जाएँ। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है, ताकि 21 अक्टूबर को यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की जा सके।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा देना सरकार की प्राथमिकता है और कृत्रिम बारिश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने भी बताया कि सभी तकनीकी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं और अगर मौसम अनुकूल रहा तो 21 अक्टूबर को कृत्रिम बारिश की जाएगी।
हालाँकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम केवल अस्थायी राहत प्रदान करेगा। स्थायी समाधान के लिए वाहनों से निकलने वाले धुएँ को नियंत्रित करना, औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण कम करना और शहर में हरियाली बढ़ाना बेहद आवश्यक है।
इसके बावजूद यह कदम दिल्ली के प्रदूषण से जूझ रहे नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो भविष्य में इसे अन्य महानगरों में भी लागू किया जा सकता है।