सोनीपत कुंडली में शॉकिंग घटना: क्लासमेट ने नाबालिग छात्रा से किया दुष्कर्म, दो महीने की हो गई गर्भवती

क्लासमेट ने नाबालिग छात्रा से किया दुष्कर्म, दो महीने की हो गई गर्भवती

हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडली क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक नौवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा अपने ही सहपाठी नाबालिग लड़के की हवस का शिकार हो गई। आरोपी ने बहाने से पीड़िता को मॉल की छत पर ले जाकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए, जिसके परिणामस्वरूप वह दो महीने की गर्भवती हो गई। यह मामला तब उजागर हुआ जब पीड़िता को पेट में तेज दर्द हुआ और वह अपनी मां के साथ अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों की जांच में गर्भावस्था की पुष्टि होने से परिवार में हड़कंप मच गया।

यह घटना करीब दो महीने पहले की बताई जा रही है। पीड़िता अपनी मां और तीन भाई-बहनों के साथ कुंडली क्षेत्र में किराए के मकान में रहती है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण बच्ची स्कूल जाती थी और घर की जिम्मेदारियां भी निभाती थी। एक दिन वह अपनी सहेलियों के साथ सोनीपत के पार्कर मॉल घूमने गई थी। वहीं उसकी क्लास का लड़का मिला, जो पहले से उसे जानता था। आरोपी ने बातचीत का बहाना बनाकर पीड़िता को मॉल की छत पर ले गया। वहां एकांत मिलते ही उसने नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।

पीड़िता ने डर और शर्म के कारण इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताया। वह चुपचाप सहती रही, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उसके शरीर में बदलाव आने लगे। पेट दर्द की शिकायत बढ़ने पर मां उसे नजदीकी अस्पताल ले गई। अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों में डॉक्टरों ने बताया कि लड़की दो महीने की गर्भवती है। यह सुनकर मां सदमे में आ गई और बेटी से पूछताछ की। तब जाकर पूरा मामला सामने आया। पीड़िता ने रोते-रोते मां को सारी आपबीती सुनाई।

यह घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। नाबालिगों के बीच बढ़ते अपराध, स्कूल और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा की कमी, और बच्चों में जागरूकता की कमी जैसे मुद्दे फिर से चर्चा में आ गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों में सेक्स एजुकेशन और गुड टच-बैड टच की ट्रेनिंग जरूरी है, ताकि बच्चे ऐसी स्थितियों में खुद को बचा सकें। साथ ही, माता-पिता को भी बच्चों से खुलकर बात करने की आदत डालनी चाहिए।

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। आरोपी नाबालिग होने के कारण जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और POCSO एक्ट के तहत FIR दर्ज की जा चुकी है। परिवार को काउंसलिंग और कानूनी मदद मुहैया कराई जा रही है। हालांकि, पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए गर्भावस्था के आगे के फैसले पर डॉक्टर और परिवार विचार कर रहे हैं।

ऐसी घटनाएं समाज में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। हरियाणा में बाल अपराध के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके लिए सख्त कानून और जागरूकता अभियान की जरूरत है। उम्मीद है कि इस मामले में न्याय जल्द मिलेगा और आरोपी को उचित सजा होगी, ताकि अन्य अपराधियों को सबक मिले।

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